कभी तुम आ जाओ ख्यालों में और मुस्कुरा 😊 दूँ मैं!
इसे गर इश्क़ 😘 कहते हैं तो हाँ मुझे इश्क़ है तुमसे!!
छू जाते हो तुम 🤠 मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर,
ये दुनिया तो खामखां कहती है 🤯 कि तुम मेरे करीब नहीं।
आप दौलत के तराज़ू में दिलों 💞 को तौलें,
हम मोहब्बत से मोहब्बत 💋 का सिला देते हैं।
ये न समझ कि मैं भूल गया हूँ तुझे 💃 तेरी खुशबू मेरे सांसो में आज भी है,
मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत 🥰 सच्चाई मेरी वफाओं में आज भी है।
आँखों 👁 के रास्ते मेरे दिल ❤️ में उतर गये,
बंदा-नवाज़ आप तो हद 🙄 से गुज़र गये।
मोहब्बत 😘 क्या है चलो दो लफ़्ज़ों में बताते हैं,
तेरा मजबूर करना 🙃 और मेरा मजबूर हो जाना।
मोहब्बत 💋 एक खुशबू है हमेशा साथ रहती है,
कोई इंसान तन्हाई में भी कभी 🕺 तन्हा नहीं रहता।
किसी से प्यार करो 👄 और तजुर्बा कर लो,
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा 💊 नहीं लगती।
दिल 💓 में आहट सी हुई रूह में दस्तक गूँजी,
किस की खुशबू 🌺 ये मुझे मेरे सिरहाने आई।
दिल 💕 में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत 😍 नहीं मिलती
खैरात में इतनी बड़ी दौलत 💰 नहीं मिलती।
इजहार-ए-मोहब्बत 🥰 पे अजब हाल है, उनका आँखें 👀 तो रज़ामंद हैं लब सोच रहे हैं।
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो 🚣🏿♂️ अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो 😎 !
आओ देखो मेरी नजरों 👁 में उतर कर ,खुद को आइना हूँ मैं तेरा मुझसे 👫 किनारा न करो!!
जन्नत-ए-इश्क 💑 में हर बात अजीब होती है,
किसी को आशिकी तो किसी 🤔 को शायरी नसीब होती है।
टपकती है निगाहों 👁 से बरसती है अदाओं से 😘 मोहब्बत कौन कहता है कि पहचानी नहीं जाती।
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज 🤯 इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।
सबकी निगाहें 👁 एक थी, पर तेरी बदल गयी
जबसे गांव छोड़कर 💃 शहर में रहने लगी
महकते बदन 🧜♀️ को कैसे सजाती हो
लाइव बाय प्लस 🧼 इमाम लगाती है
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते 🤯 हुए,
तू आज भी बेखबर 😝 है कल की तरह।
मुकम्मल ना सही 🕴 अधूरा ही रहने दो,
ये इश्क़ 💋 है कोई मक़सद तो नहीं है।
न जाहिर हुई तुमसे और 💑 न ही बयान हुई हमसे,
बस सुलझी हुई आँखो 👀 में उलझी रही मोहब्बत।
राज़ खोल देते हैं नाजुक 🤔 से इशारे अक्सर,
कितनी खामोश मोहब्बत 😍 की जुबान होती है।
मोहब्बत 🥰 नाम है जिसका वो ऐसी क़ैद है यारों,
कि उम्रें बीत जाती हैं सजा ⛓ पूरी नहीं होती।
वो रख ले कहीं 🤗 अपने पास हमें कैद ⛓ करके,
काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह 👩⚖️ हो जाये।