ऐ सी सर्दी 🙇🏻 है कि सूरज भी दुहाई मांग
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई 🛌 मांगे
तूफ़ानों से आँख 👀 मिलाओ, सैलाबों पर वार करो 🚣♀️
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो 🏄🏽♂️ तैर के दरिया पार करो
अपने हाकिम की फकीरी 👨🏼🍳 पे तरस आता है
जो गरीबों से पसीने की कमाई 💰 मांगे
जुबां तो खोल 👶🏽 नजर तो मिला 👁 जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूँ 🤔 हिसाब तो दे
फूलों 🌹 की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार 🌸 करो
इश्क़ 💋 खता है तो, ये खता एक बार नहीं 💯 सौ बार करो
आँख 👀 में पानी रखो होंटों 💋 पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें 🏊♂️ बहुत सारी रखो
उस आदमी 🕵️♀️ को बस इक धुन सवार रहती है
बहुत हसीन है दुनिया 💃 इसे ख़राब करूं
बहुत ग़ुरूर है दरिया ⛷ को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां 🎆 उड़
किसने दस्तक दी, दिल 💞 पे, ये कौन है
आप तो अन्दर हैं 👰 बाहर कौन है
ये हादसा तो किसी दिन 🐍 गुजरने वाला था
मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने 🙄 वाला था
मेरा नसीब, मेरे हाथ 💪 कट गए वरना
मैं तेरी माँग में सिन्दूर 🤦🏼♂️ भरने वाला था
आँख 👁 में पानी रखो होंटों 💋 पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें 👈 बहुत सारी रखो
अंदर का ज़हर चूम 💋 लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ़ लोग 🤣 थे सब खुल के आ गए
कॉलेज के सब बच्चे 👬 चुप हैं, काग़ज़ की इक नाव ⛵️ लिए
चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी 😭 है
कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा 🧕 उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा 📿 है जोड़ दूँगा उसे
रोज़ तारों 💫 को नुमाइश, में ख़लल पड़ता है
चाँद 🌙 पागल है, अँधेरे 🌑 में निकल पड़ता है
हम से पहले भी मुसाफ़िर 👨🏻🍳 कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर 🧱 तो हटाते जाते
मोड़ 🚵♀️ होता है, जवानी का सँभलने 🤔 के लिए
और सब लोग यहीं आ के, फिसलते 🧗♂️ क्यूं हैं